लापरवाही का कारण: अधिकांश वार्ड बॉय अत्यधिक वेतन लेते हैं
- रिपोर्ट के अनुसार, बदायूं जिला अस्पताल में तैनात अधिकांश वार्ड बॉय न्यूनतम 30,000 रुपये प्रतिमाह का वेतन लेते हैं।
- इतने उच्च वेतन के बावजूद, वे दिनभर आराम करते हैं और मरीजों को स्ट्रेचर पर उठाने से मना कर देते हैं।
वार्ड बॉयों का लापरवाह व्यवहार
- गढ़िया रंगीन निवासी सरोजनी को लेकर आए उनके पति अमर पाल को वार्ड बॉयों ने स्ट्रेचर मांगने पर मना कर दिया।
- बिट्टन खां को एक्सरे कराने के लिए ले जाने से भी वार्ड बॉयों ने मना कर दिया, इसलिए उसके परिजनों ने खुद स्ट्रेचर पर उन्हें ले जाना पड़ा।
- हाकिम सिंह के परिवार के लोगों को भी स्ट्रेचर खींचने से वार्ड बॉय ने मना कर दिया।
- अरविंद कुमार को वार्ड में ले जाने के लिए वार्ड बॉय आराम से बैठे रहे, इसलिए उसके परिवार वालों ने खुद स्ट्रेचर खींचकर ले जाना पड़ा।
अस्पताल प्रशासन का बयान
- सीएमएस डॉ. कप्तान सिंह ने कहा कि वार्ड बॉयों की लापरवाही पर कार्रवाई की जाएगी।
- उन्होंने कहा कि वार्ड बॉयों का काम है कि वे मरीजों को स्ट्रेचर या व्हीलचेयर से लेकर जाएं और जांच के बाद वार्ड में छोड़ दें।
- अगर कोई कर्मचारी अपने काम में लापरवाही करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आगे की चुनौतियां
- बदायूं जिला अस्पताल में मरीजों को सही सुविधाएं और देखभाल मुहैया कराना एक बड़ी चुनौती है।
- वार्ड बॉयों की लापरवाही और अधिक वेतन लेने की प्रवृत्ति को रोकना होगा।
- इस पर तत्काल प्रभाव से सुधार लाने की आवश्यकता है।