बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज में स्थापना के छह साल बाद भी विशेषज्ञ डॉक्टरों के 55 पद खाली हैं। इसकी वजह से गंभीर मरीजों को इलाज के लिए रेफर किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को शासन स्तर पर समीक्षा बैठक में कहा कि तीन-चार माह में पीजीआई से लेकर मेडिकल कॉलेजों तक डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इससे बदायूं के मेडिकल कॉलेज को भी विशेषज्ञ डॉक्टर मिलने की उम्मीद जगी है।
मुख्य बातें:
- बदायूं मेडिकल कॉलेज में 55 विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली हैं।
- गंभीर मरीजों को इलाज के लिए रेफर किया जा रहा है।
- स्वास्थ्य मंत्री ने 3-4 माह में डॉक्टरों की भर्ती पूरी करने का निर्देश दिया है।
प्रभाव:
- डॉक्टरों की कमी से मरीजों को इलाज के लिए लंबी लाइन में लगना पड़ता है।
- गंभीर मरीजों को रेफर करने से उन्हें समय और पैसे का नुकसान होता है।
- डॉक्टरों की भर्ती से मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।
उम्मीद:
- स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद डॉक्टरों की भर्ती जल्द पूरी होने की उम्मीद है।
- इससे मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा और उन्हें रेफर नहीं किया जाएगा।
अन्य जानकारी:
- राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एनसी प्रजापति ने बताया कि 55 विशेषज्ञों की आवश्यकता है।
- शासन स्तर पर डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
निष्कर्ष:
बदायूं मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की कमी एक गंभीर समस्या है। स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद उम्मीद है कि यह समस्या जल्द ही दूर होगी।
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