सपा में उम्मीदवार बदलने का विवाद
बदायूं। सपा प्रत्याशी शिवपाल सिंह यादव की चुनावी कमान अब उनके बेटे आदित्य यादव ने संभाल ली है। तीन दिनों से आदित्य चुनावी जनसभाएं कर रहे हैं। शिवपाल सिंह यादव दो अप्रैल को लखनऊ चले गए, जहां उनकी अखिलेश यादव से मुलाकात हुई है। इसके बाद सियासी हलकों में कहा जा रहा है कि जल्द ही आदित्य को उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है।
2009 में बदायूं से सांसद बने धर्मेंद्र यादव, जो तीसरी बार 2019 में चुनाव लड़े लेकिन हार गए। चौथी बार के लिए उन्हीं की तैयारी चल रही थी, लेकिन सपा के कुछ नेताओं ने उनका विरोध कर दिया। तब सपा मुखिया अखिलेश ने शिवपाल सिंह यादव के नाम का एलान किया। हालांकि, शिवपाल 22 दिन बाद तक नहीं आए। वह अपने बेटे आदित्य को उम्मीदवार बनाना चाहते थे, लेकिन जब बेटे को लड़ाने के लिए उच्च स्तर पर फैसला नहीं हो सका तो वह खुद चुनाव मैदान में बेटे के साथ बदायूं आए।
जनता का गुस्सा सपा पर
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने शिवपाल के बयान पर कहा कि सपा का मूल चरित्र ही लोगों को धमकाना और अराजकता फैलाना है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता सपा की "गुंडई" का जवाब देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भी सपा के उम्मीदवार अपराधी या गुंडे थे।
इस तरह, बदायूं सीट पर सियासी घमासान जारी है और चुनाव प्रचार के बीच सपा में उम्मीदवार बदलने को लेकर भी विवाद देखने को मिल रहा है। जनता इस बार सपा की "गुंडई" का जवाब देने के लिए तैयार दिखाई दे रही है।
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