बदायूं में मुख्यमंत्री के प्रबुद्ध सम्मेलन में मंच पर पिता स्वामी प्रसाद मौर्य की भावुकता के दृश्य ने सांसद संघमित्रा मौर्य को अपने पिता के खिलाफ बयान देने पर मजबूर किया। संघमित्रा ने कहा कि किसी पिता को नहीं चाहिए कि उनके बच्चों की आंखों में आंसू आएं, जिसका उन्हें गुस्सा आए। उन्होंने यह बयान देने के बाद कहा कि राजनीति में उतार-चढ़ाव रहते हैं और गलतफहमी के कारण ऐसे बयान दिए जाते हैं।
संघमित्रा से इस बारे में पूछा गया कि क्या सार्वजनिक रूप से पिता की नाराजगी का क्या मतलब है, तो उन्होंने कहा कि माता-पिता को बच्चों की गलती के लिए नाराज होने का पूरा अधिकार होता है। वे आगे बताते हैं कि बच्चे कितने भी बड़े क्यों न हो जाएं, माता-पिता से बड़े कभी नहीं होते।
इसी बीच, सपा के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा चुनाव में बदायूं से प्रत्याशी शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव ने संघमित्रा के भावुक होने पर सहानुभूति जताई और भाजपा पर सियासी आलोचना की।
संघमित्रा का बयान आए दिनों हुए एक प्रचलित वार्ता को और गहरा करता है, जिसमें उनके पिता के भावुक होने पर राजनीतिक जवाबदेही पर सवाल उठते हैं।
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