बदायूं: सिविल बार सचिव पर झूठी रिपोर्ट दर्ज करने का आरोप, सीजेएम ने खारिज की अर्जी
बदायूं: जिला सिविल बार के सचिव अधिवक्ता अरविंद पाराशरी और उनकी ससुराल पक्ष के लोगों पर नशीला पदार्थ खिलाकर कछला के पुल से नीचे फेंकने और मरा समझकर छोड़ देने का आरोप लगाया गया था।
झूठी रिपोर्ट का आरोप:
सीजेएम मोहम्मद साजिद ने आरोपों की जांच के बाद प्रोटेस्ट अर्जी को खारिज कर दिया है। विवेचना में पाया गया कि वादी दीपक तिवारी पर कुटुम्ब न्यायालय व अन्य न्यायालयों में दहेज उत्पीड़न के केस चल रहे हैं।
वादी का दावा:
दीपक तिवारी का दावा है कि 9 नवंबर 2022 को उनकी पत्नी से विवाद के चलते सचिव और उनकी ससुराल पक्ष के लोगों ने उन्हें नशीला पदार्थ खिलाकर पुल से नीचे फेंक दिया था।
पुलिस की जांच:
थाना कोतवाली में तैनात उप निरीक्षक आकाश कुमार ने विवेचना की। विवेचक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वादी दीपक पर कुटुम्ब न्यायालय व अन्य न्यायालयों में दहेज उत्पीड़न के केस चल रहे हैं।
सीजेएम का फैसला:
सीजेएम ने विवेचना रिपोर्ट और सीओ सिटी आलोक मिश्रा की रिपोर्ट के आधार पर वादी दीपक तिवारी की प्रोटेस्ट अर्जी को खारिज कर दिया है।
सचिव का बयान:
अधिवक्ता अरविंद पाराशरी ने कहा है कि इस मुकदमे में उनका नाम घसीटना षड्यंत्र था। 2019 में दीपक ने कई प्रार्थना पत्र दिए थे, जिनमें मामला झूठा निकला था।
अन्य जानकारी:
- वादी दीपक तिवारी ने 21 जनवरी 2024 को प्रोटेस्ट अर्जी सीजेएम कोर्ट में पेश की थी।
- सचिव का कहना है कि सिविल बार परिसर में तंदूर रखने का विरोध करने पर तत्कालीन कोतवाल उनसे नाराज हो गए थे।
निष्कर्ष:
सीजेएम ने विवेचना रिपोर्ट और सीओ सिटी की रिपोर्ट के आधार पर वादी दीपक तिवारी की प्रोटेस्ट अर्जी को खारिज कर दिया है।
नोट:
यह लेख समाचार ब्लॉग पोस्ट के लिए लिखा गया है।