गार्डन सिटी के नाम से जाना जाने वाला बंगलूरू आज पानी की कमी से जूझ रहा है। गर्मी के आने से पहले ही शहर में जल संकट गहरा गया है। यह न केवल बंगलूरू, बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय है।
पानी की कमी का असर:
- कुछ इलाकों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
- बंगलूरू जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) ने स्विमिंग पूल में पीने वाले पानी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। उल्लंघन करने पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।
- कर्नाटक जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड ने कार धोने, बागवानी, भवन निर्माण, पानी के फव्वारे या सड़क निर्माण और रखरखाव के लिए पीने के पानी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
सूखे की स्थिति:
- उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि राज्य ने पिछले 3-4 दशकों में इतना भीषण सूखा कभी नहीं देखा।
- पहले भी सूखे की स्थिति थी, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में तालुकों को सूखा प्रभावित घोषित नहीं किया गया था।
जल संकट से निपटने के उपाय:
- जल बोर्ड लगातार हालातों को सही करने में लगा हुआ है।
- अनधिकृत बोरवेल खोदने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी गई है।
- 15 मार्च से लोगों को बोरवेल खोदने की अनुमति लेनी होगी।
- आवेदन बीडब्ल्यूएसएसबी की वेबसाइट पर जमा किए जा सकते हैं।
- संबंधित अधिकारियों द्वारा साइट निरीक्षण के आधार पर मंजूरी दी जाएगी।
निष्कर्ष:
बंगलूरू में पानी की कमी एक गंभीर समस्या है। इस पर ध्यान देना और पानी का संयम से उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
अतिरिक्त जानकारी:
- बंगलूरू में पानी की कमी के कई कारण हैं, जिनमें बढ़ती आबादी, जलवायु परिवर्तन, और अनियंत्रित शहरी विकास शामिल हैं।
- शहर में पानी की कमी से निपटने के लिए कई दीर्घकालिक और अल्पकालिक योजनाएं बनाई जा रही हैं।
- नागरिकों से पानी का संयम से उपयोग करने और जल संरक्षण के उपाय करने की अपील की गई है।