बदायूं मकान विस्फोट: बच्चों को बचाने की दिलचस्प कहानी



बदायूं के इस्लामनगर में हाल ही में एक भयानक हादसा घटित हुआ जिसमें एक मां और उनके बेटे की मौत हो गई, जबकि उनकी दो बेटियाँ मारे जाने से बच गईं। हादसे के दौरान बच्चों को सुरक्षित देखकर लोगों के चेहरों पर मुस्कान थी, और वह यही सोच रहे थे कि ऊपरवाले ने इन बच्चियों की जान बचा ली। हादसे के बाद, जब लोग हादसा स्थल पर पहुंचे, तो उन्होंने दोनों बच्चियों को पहले उठाया।

हादसे के दौरान, तमन्ना और अर्फी, जो कि तीन और सात साल की थीं, अपने घरों के पास खेल रही थीं। हादसे के बाद, तमन्ना को मकान के लिंटर के ऊपर ढहा हुआ पाया गया, लेकिन धूल-धुएं के छंटे के बाद वह अच्छे स्वास्थ्य के साथ बच गई। अर्फी को भी जनरेटर के पास खेलते हुए बचा लिया गया, जिससे उसकी जान बच गई।

इस हादसे में बच्चों को बचाने के लिए जुटे लोगों के बीच अख्तर अली, जिनका घर हादसे स्थल के पास ही था, ने भी अपनी भूमिका निभाई। अख्तर अली के परिवार के लिए आतिशबाजी का कारोबार चलाते समय ही घटना हुई थी।

जब इस बारूद के अवैध भंडार में धमाका हुआ, तो दो मंजिला मकान उड़ गया। मां-बेटे की मौत हो गई, जबकि उनकी दो बेटियाँ घायल हो गईं। पुलिस और अन्य संघर्षात्मक टीमें तुरंत हादसे स्थल पर पहुंचीं और बच्चों को बचाने के प्रयास किए।

इस हादसे के बाद, अधिकारियों ने अवैध बारूद भंडार के मामले में कड़ाई की। प्रारंभिक जांच के अनुसार, अख्तर के पिता ने आतिशबाजी की बिक्री का लाइसेंस लिया था, लेकिन उसका नवीनीकरण नहीं हुआ था।
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