बदायूं जिले में होमियोपैथिक चिकित्सा प्रणाली की स्थिति काफी चिंताजनक है। जिले में कुल 12 सरकारी होमियोपैथिक अस्पताल हैं, लेकिन इनमें से केवल 9 में ही चिकित्सकों की तैनाती है।
जगत, ककराला और बिसौली के अस्पतालों में तो डॉक्टर ही नहीं हैं। यहां सप्ताह में महज 3 दिन ही डॉक्टर आते हैं और बाकी दिनों में फार्मासिस्ट या वार्ड बॉय ही मरीजों का इलाज करते हैं।
इसके अलावा, रुदायन सीएचसी के सरकारी होमियोपैथिक अस्पताल में भी चिकित्सक डॉ. विनय कुमार सिंह लगातार गायब रहते हैं। वे हाजिरी लगाकर पत्नी को दवा दिलाने के बहाने अस्पताल से दूर रहते हैं।
जिला होमियोपैथिक अधिकारी डॉ. पूनम सिंह ने इस बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही है और कहा है कि यदि ऐसा पाया जाता है तो जांच कराई जाएगी।
इस स्थिति में न केवल मरीज परेशान हैं, बल्कि जर्जर भवनों में चल रहे इन अस्पतालों में किसी भी तरह की दुर्घटना का खतरा भी मंडरा रहा है। प्रशासन को इस ओर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।