बदायूं में राजकीय मेडिकल कॉलेज का निर्माण 2015 में शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है। निर्माण कार्य में देरी के कारण मरीजों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्य बिंदु:
- निर्माण कार्य 6 साल से अधिक समय से चल रहा है।
- 80% मरीजों को अलीगढ़, सैफई और लखनऊ रेफर किया जाता है।
- रेफर करते समय कई मरीजों की जान भी चली जाती है।
- निर्माण कार्य में देरी के कई कारण हैं, जिनमें ठेकेदार के साथ विवाद और कोरोना महामारी शामिल हैं।
- निर्माण कार्य पूरा न होने पर मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर भी संकट आ सकता है।
मरीजों की परेशानी:
- गंभीर रूप से बीमार मरीजों को सैफई, अलीगढ़ और लखनऊ रेफर किया जाता है।
- 200 किलोमीटर तक एंबुलेंस में जाते-जाते कई मरीजों की मृत्यु हो जाती है।
- मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं।
निर्माण कार्य में देरी के कारण:
- ठेकेदार के साथ विवाद
- कोरोना महामारी
- धन की कमी
निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति:
- निर्माण कार्य जनवरी 2024 से शुरू होने वाला था, लेकिन अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
- उत्तर प्रदेश निर्माण निगम ने स्वास्थ्य महानिदेशालय से अनुमति मांगी है।
- अनुमति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू होगा।
बाकी कार्य:
- दो लेक्चर रूम
- शौचालय
- मल्टी परपज हॉल
- लेक्चर थियेटर
- खिड़कियां
- फाल्स सीलिंग
- लिफ्ट
- ऑपरेशन थियेटर
- 303 बेड
- एसटीपी प्लांट
निष्कर्ष:
बदायूं में राजकीय मेडिकल कॉलेज का निर्माण अधूरा होने के कारण मरीजों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शासन को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए और निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराना चाहिए।