बदायूं के जिला अस्पताल में बुधवार शाम को मोरची के पास खड़ी छह पुरानी एंबुलेंसों में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। आग की सूचना मिलते ही तीमारदारों और अस्पताल स्टाफ में अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने तुरंत अग्निशमन और पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलने पर सीओ सिटी अलोक मिश्रा और सीएमएस डॉ. कप्तान सिंह मौके पर पहुंचे। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद फायर बिग्रेड की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। तब तक छह एंबुलेंस पूरी तरह से जलकर राख हो चुकी थीं।
प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। हालांकि, पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इस घटना से जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ने की आशंका है। जिला अस्पताल में पहले से ही एंबुलेंस की कमी है और अब इस घटना के बाद एंबुलेंस की संख्या और भी कम हो गई है।
इस घटना से कुछ महत्वपूर्ण सवाल उठते हैं:
- जिला अस्पताल में एंबुलेंस की सुरक्षा का क्या इंतजाम है?
- क्या अस्पताल में फायर सेफ्टी के नियमों का पालन किया जाता है?
- क्या आग लगने की घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने कोई जांच कमेटी गठित की है?
यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को उजागर करती है। सरकार को जिला अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।