भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश की 51 सीटों के लिए पहली सूची जारी कर दी है, लेकिन बदायूं से अपने पत्ते नहीं खोले हैं। यहां की विपक्षी पार्टी की मजबूत दावेदारी के साथ-साथ पार्टी के सात उम्मीदवारों के आवेदन को भी माना जा रहा है। कुछ कयास कर रहे हैं कि बदायूं लोकसभा सीट से भाजपा का प्रत्याशी चुनाव में एक चुनौतीपूर्ण चेहरा हो सकता है। इस संदर्भ में, बदायूं से विधायक डॉ. संघमित्रा मौर्य पर चर्चा हो रही है।
चयन योजना में दावेदार:
1. मौजूदा सांसद - डॉ. संघमित्रा मौर्य
2. एमएलसी - वागीश पाठक
3. पूर्व एमएलसी - जितेंद्र यादव
4. पूर्व विधायक - सिनोद शाक्य
5. पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष - पूनम यादव
6. गुन्नौर के पूर्व विधायक - अजीत यादव
7. पूर्व विधायक - धर्मेंद्र शाक्य
राजनीतिक रूप से उलझे दावेदार:
- अजीत यादव ने सपा को छोड़कर भाजपा में शामिल हो लिया है।
- सिनोद शाक्य ने बसपा को त्यागा और फिर सपा में शामिल हो गए हैं।
- एमएलसी चुनाव में सपा ने सिनोद शाक्य को प्रत्याशी बनाया था, जबकि भाजपा ने वागीश पाठक को उम्मीदवार बनाया था। इसमें सिनोद शाक्य ने अपना पर्चा वापस ले लिया और वागीश पाठक निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं।
मतदाताओं का गणित:
- बदायूं लोकसभा क्षेत्र में बिल्सी, बिसौली, सहसवान और संभल जिले समेत गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
- यहां सर्वाधिक 3.5 लाख मुस्लिम मतदाता हैं, जबकि यादव मतदाताओं की संख्या तीन लाख से अधिक है।
- जातिगत गणित में भाजपा को ध्यान देना होगा, क्योंकि मौर्य-शाक्य, अनुसूचित जाति, क्षत्रिय, वैश्य, ब्राह्मण, राजपूत, कश्यप, साहू, गड़िरिया और अन्य समृद्धि वर्ग में बहुत लोग हैं।
- यादव-मुस्लिम मतदाताओं को सपा के पक्ष में लाने का प्रयास करना भी महत्वपूर्ण होगा।