समाजवादी पार्टी (सपा) ने आंवला और शाहजहांपुर लोकसभा सीटों से बाहरी प्रत्याशियों को टिकट देकर बरेली मंडल में अपनी रणनीति का खुलासा कर दिया है। बदायूं से धर्मेंद्र यादव के नाम की घोषणा पहले ही हो चुकी है। इन तीनों सीटों पर बाहरी प्रत्याशियों को उतारने से कार्यकर्ताओं में नाराजगी है।
आंवला: सपा ने आंवला से नीरज मौर्य को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट से मौजूदा सांसद भाजपा के धर्मेंद्र कश्यप हैं। सपा का मानना है कि जातिगत समीकरणों के आधार पर यह सीट उनके पाले में आ सकती है।
बदायूं: बदायूं से सपा ने धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया है। वह यहां से तीन बार जीत चुके हैं, लेकिन उन्हें भी बाहरी प्रत्याशी माना जाता है।
शाहजहांपुर: सपा ने शाहजहांपुर से राजेश को प्रत्याशी बनाया है। वह नोएडा के रहने वाले हैं और 2022 में फरीदपुर से विधानसभा का टिकट मांग रहे थे।
बरेली: बरेली सीट पर भाजपा के संतोष गंगवार आठ बार जीत चुके हैं। सपा यहां कुर्मी बिरादरी से प्रत्याशी उतारना चाह रही है, लेकिन चर्चा है कि यहां भी बाहरी प्रत्याशी ही होगा।
पीलीभीत: पीलीभीत में सपा भाजपा के टिकट घोषणा के बाद अपना फैसला लेगी। माना जा रहा है कि सपा यहां इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी का समर्थन कर सकती है।
सोशल मीडिया पर विरोध: सपा की दूसरी सूची जारी होते ही सोशल मीडिया पर विरोध शुरू हो गया है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पहले भी बाहरी नेताओं को लड़ाया गया, लेकिन वह फिर कभी क्षेत्र में लौटकर नहीं आए।
जिलाध्यक्ष बदलने की मांग: यादव नेताओं ने यह भी मांग उठानी शुरू कर दी है कि जब आंवला से मौर्य प्रत्याशी घोषित हो गया है तो जिलाध्यक्ष के पद पर अब यादव होना चाहिए ताकि यादव एकजुट रहें।
निष्कर्ष: सपा ने बरेली मंडल में बाहरी प्रत्याशियों पर दांव खेला है। यह रणनीति सफल होगी या नहीं, यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा।
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