अपने पद से निलंबित हुई भाजपा की संसद संघमित्रा मौर्य ?

पिछले लोकसभा चुनाव में, स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा के सदस्य रहकर अपनी बेटी, डॉ. संघमित्रा मौर्य को भाजपा से टिकट प्राप्त कराकर सांसद बनाया था। हालांकि, बीते विधानसभा चुनावों में स्वामी प्रसाद मौर्य सपाई हो गए हैं और उनकी बेटी ने भी भाजपा के प्रदेश स्तरीय नेताओं पर आरोप लगाए हैं, लेकिन वह पार्टी में बनी रही हैं।



डॉ. संघमित्रा ने पिछले लोकसभा चुनावों में और बीते विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रत्याशी के रूप में अपनी सक्रियता बढ़ाई है, लेकिन उनके भविष्य की स्थिति टिकट घोषित होने के बाद ही स्पष्ट होगी।

क्यों मुश्किल है उनका टिकट मिलना 

27 जनवरी को मुख्यमंत्री के आगमन के दौरान, डॉ. संघमित्रा को संबोधन का अवसर नहीं मिला, जो एक संकेत है कि भाजपा में उनकी स्थिति अभी असमंजस में है। इसके पहले भी उन्हें संबोधन का मौका नहीं मिला था, जब उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बिल्सी आए थे।

सांसद पद की टिकट घोषणा 

जिले में लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है, और भाजपा ने यहां से उम्मीदवार उतारने के लिए मंथन शुरू किया है। आने वाले मार्च महीने के अंदर भाजपा कभी भी अपने सांसद पद के उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है  डॉ. संघमित्रा के सामने राजनीतिक चुनौती है, और उनकी सक्रियता के बावजूद, भविष्य में कैसा मोड़ लेता है, यह टिकट घोषित होने के बाद ही स्पष्ट होगा।

Previous Post Next Post

نموذج الاتصال